आशियाने खाश बनाए है,
हवाओ के इशारों पर ....
चलती कश्ती के साए हैं ,
लहरों के इशारों पर ......
यह हसरती तूफान क्या करेगा,
जब कोसों मील आए है ...
उसी के खाश इशारों पर ....!
छोड़ आए है किनारा
उसी के खाश इशारों पर
या तो लेके कश्ती डूबेंगे
इस हसरती तूफान मे
..................................या बनाएंगे आशियाना
..................................उसी के किनारों पर
हवाओ के इशारों पर ....
चलती कश्ती के साए हैं ,
लहरों के इशारों पर ......
यह हसरती तूफान क्या करेगा,
जब कोसों मील आए है ...
उसी के खाश इशारों पर ....!
छोड़ आए है किनारा
उसी के खाश इशारों पर
या तो लेके कश्ती डूबेंगे
इस हसरती तूफान मे
..................................या बनाएंगे आशियाना
..................................उसी के किनारों पर
kya bat kya bat
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